रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन व सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को प्रदेश के पहले आदिवासी सौम्य और सरल मुख्यमंत्...
रायपुर।
छत्तीसगढ़ के वन व सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि पूर्व
मुख्यमंत्री बघेल को प्रदेश के पहले आदिवासी सौम्य और सरल मुख्यमंत्री
विष्णुदेव साय के बारे में कुछ भी बोलने से पहले हजार बार सोचना चाहिए।
भूपेश हमेशा से आदिवासी विरोधी रहे हैं। उन्हें यह पच ही नहीं रहा है कि
कोई आदिवासी भी प्रदेश की कमान सम्भाल सकता है। मंत्री कश्यप ने कहा कि
मुख्यमंत्री साय प्रदेश ही नहीं, बल्कि समूचे देश के सबसे अनुभवी आदिवासी
नेता हैं। उनका अनुभव और राजनीतिक करियर भी भूपेश बघेल से कई गुना बड़ा है।
एक बार केंद्रीय मंत्री, दो बार विधायक, तीन बार प्रदेश अध्यक्ष, चार बार
सांसद और अब प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में साय कार्यकाल की देशभर
में सराहना हो रही है। साय के नेतृत्व में आज नगरीय निकाय और पंचायत
चुनावों में कांग्रेस का सफाया हो गया। लोकसभा चुनाव में मोदी गारंटी पूरे
करने का असर दिखा, समूचे देश में सौम्य सरल लेकिन कड़े निर्णय लेने वाले
नेता के रूप में विष्णुदेव साय की पहचान है।
प्रदेश के वन मंत्री
केदार कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल को यह समझना चाहिए कि बड़बोलेपन से
राजनीति नहीं चलती। अनावश्यक बयानबाजी को छत्तीसगढ़ की सहज-सरल जनता कितना
नापसंद करती है, वह भूपेश बघेल ने स्वयं अनुभव किया होगा। उन्होंने कहा,
जिस तरह एक सरल आदिवासी कवासी लखमा के कंधे पर बन्दूक रखकर भूपेश बघेल ने
अपने घोटालों की गोली चलाई, सारी मलाई चट कर आदिवासी विधायक लखमा के सिर पर
सारा ठीकरा फोड़ दिया है, यह भूपेश बघेल की आदिवासी विरोधी मानसिकता को
दिखाता है।
कश्यप ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वे
घोटालों के आरोपों का सामना न्यायिक प्रक्रिया द्वारा करें। जिस संविधान को
बचाने की बड़ी-बड़ी बात कांग्रेस करती है, उसी संविधान के तहत संवैधानिक
संस्थाएं जांच कर रही है। इसी संविधान ने देश के वंचितों और आदिवासियों को
अधिकार दिए हैं, भूपेश बघेल का संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाना संविधान
विरोधी कृत्य भी है। केदार कश्यप ने कहा कि बघेल संविधान का सम्मान करें,
संवैधानिक पद्धति से चुनकर आए प्रतिनिधियों का भी अपमान करने का भूपेश बघेल
को कोई अधिकार नहीं है। चोरी पकड़ी जाने पर बौखलाहट से काम नहीं चलता है।
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