रायपुर आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ0 कुलदीप सोलंकी के नेतृत्व में डॉक्टरों और अस्तपाल संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्र...
रायपुर
आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ0 कुलदीप सोलंकी के नेतृत्व में डॉक्टरों और
अस्तपाल संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम
बिहारी जायसवाल से मिला। डॉ0 सोलंकी ने अस्पताल संचालकों के लंबित भुगतान
पर चिंता जताते हुए नियमित पेमेंट सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने
कहा कि पैसे के अभावों में अस्पतालों को लोन लेना पड़ रहा है।
रायपुर। आईएमए रायपुर एवं हॉस्पिटल बोर्ड रायपुर की तरफ़ से डॉ सुरेन्द्र शुक्ला चेयरमैन हॉस्पिटल बोर्ड छत्तीसगढ़, डॉ अखिलेश दुबे चेयरमैन हॉस्पिटल बोर्ड रायपुर, डॉ कुलदीप सोलंकी, अध्यक्ष आईएमए रायपुर, डॉ केतन शाह उपाध्यक्ष आईएमए रायपुर, डॉ संजीव श्रीवास्तव सचिव आईएमए रायपुर, ने श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री के सामने अस्पतालो की चिंताओं के बारे मैं अवगत कराया एवं मंत्री की तरफ़ से भी चिंताओं को दूर करने का आश्वासन प्राप्त हुआ।
मुख्य चिंताओं में शामिल हैं जैसे कि अपर्याप्त पैकेज के कारण अस्पताल गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिन्हें बढ़ती महंगाई के बावजूद बड़ाया नहीं गया है। अस्पतालों को छह महीने से अधिक समय से भुगतान नहीं मिला है, जिससे वित्तीय कमी हो गई है और कुछ को ऋण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। समय से अस्पतालों का पेमेंट सुनिश्चित किया जाए। आईएमए ने सरकार से इस योजना की देखरेख के लिए एक समिति गठित करने का आग्रह किया है, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आईएमए का एक प्रतिनिधि भी शामिल हो। जिन अस्पतालों को आयुष्मान योजना से अलग किया गया है, उनकी सुनवाई जल्द से जल्द कराकर उनपर सहानुभूति पूर्वक निर्णय ले। तब तक के लिए ऐसी कार्यवाही को रोका जाए।
रायपुर। आईएमए रायपुर एवं हॉस्पिटल बोर्ड रायपुर की तरफ़ से डॉ सुरेन्द्र शुक्ला चेयरमैन हॉस्पिटल बोर्ड छत्तीसगढ़, डॉ अखिलेश दुबे चेयरमैन हॉस्पिटल बोर्ड रायपुर, डॉ कुलदीप सोलंकी, अध्यक्ष आईएमए रायपुर, डॉ केतन शाह उपाध्यक्ष आईएमए रायपुर, डॉ संजीव श्रीवास्तव सचिव आईएमए रायपुर, ने श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री के सामने अस्पतालो की चिंताओं के बारे मैं अवगत कराया एवं मंत्री की तरफ़ से भी चिंताओं को दूर करने का आश्वासन प्राप्त हुआ।
मुख्य चिंताओं में शामिल हैं जैसे कि अपर्याप्त पैकेज के कारण अस्पताल गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिन्हें बढ़ती महंगाई के बावजूद बड़ाया नहीं गया है। अस्पतालों को छह महीने से अधिक समय से भुगतान नहीं मिला है, जिससे वित्तीय कमी हो गई है और कुछ को ऋण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। समय से अस्पतालों का पेमेंट सुनिश्चित किया जाए। आईएमए ने सरकार से इस योजना की देखरेख के लिए एक समिति गठित करने का आग्रह किया है, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आईएमए का एक प्रतिनिधि भी शामिल हो। जिन अस्पतालों को आयुष्मान योजना से अलग किया गया है, उनकी सुनवाई जल्द से जल्द कराकर उनपर सहानुभूति पूर्वक निर्णय ले। तब तक के लिए ऐसी कार्यवाही को रोका जाए।
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