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Saturday, March 29

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बूढ़ातालाब में बन रहे चौपाटी का निरीक्षण करने पहुंची महापौर

   00 शहर के ऐतिहासिक धरोहर का नहीं होने देंगे व्यवसायीकरण रायपुर। मंगलवार की सुबह महापौर मीनल चौबे अचानक बूढ़ातालाब के सामने बन रहे चौपाट...

  


00 शहर के ऐतिहासिक धरोहर का नहीं होने देंगे व्यवसायीकरण

रायपुर। मंगलवार की सुबह महापौर मीनल चौबे अचानक बूढ़ातालाब के सामने बन रहे चौपाटी का निरीक्षण करने पहुंची इस दौरान उन्होंने आम जनता से चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना और पर्यटन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे यहां पर न तो शराब दुकान खोलने देंगी और न ही चौपाटी क्योंकि बूढ़ातालाब में पूरे शहर की जनता आती है।  

अधिकारियों के साथ तालाब किनारे बने फुटपाथ का महापौर मीनल चौबे ने निरीक्षण किया। इस दौरान पर्यटन विभाग के अधिकारियों फटकार लगाते हुए कहा कि बूढ़ातालाब हमारी ऐतिहासिक धरोहर है और बूढ़ातालाब के बाजू में बन रहे चौपाटी की आसपास के लोगों से शिकायतें आ रही थी और वे आश्चर्यचकित हैं कि स्मार्टसिटी ने जो करोड़ों रुपए खर्च कर पाथवे बनाया था, जिसमें हमें सब्जबाग दिखाया गया था, इसमें जनता के चलने के लिए जगह होगी. जनता को सुकून मिलेगा. आज हम जब आकर देख रहे हैं, तो लगभग सौ दुकानें खुलने के कगार पर हैं, जिसका हम विरोध करते हैं।  

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी ने इस जमीन को पर्यटन विभाग को सौंप दिया है और पर्यटन विभाग ने किसी एजेंसी के साथ चौपाटी बनाने के लिए एमओयू किया है। पर्यटन विभाग का उद्देश्य है कि नगर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण करना न कि उसका व्यवसायीकरण करना। अगर व्यवसायीकरण कर बूढ़ातालाब को मेंटेन करना होता तो नगर निगम भी कर लेगा, हम इस कृत्य का कड़ा विरोध करते हैं।  

बूढ़ातालाब के सामने शहर का सबसे पुराना दानी स्कूल है और आम जनता से चर्चा के दौरान यह पता चला है कि चौपाटी में शराब बेचने का भी अनुबंध हुआ है, मेरे महापौर बने रहने तक बुढ़ातालाब के सामने न तो शराब दुकान खुलेंगे और न ही चौपाटी, क्योंकि उनकी शिक्षा दानी स्कूल में हुई। बूढ़ातालाब में पूरे शहर की जनता आती है और उसका इस तरह से व्यवसायीकरण वे होने नहीं देंगी। इस मौके पर चौपाटी का लगातार विरोध कर रहे स्थानीय नागरिकों ने महापौर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया और यह भी बताया कि कोर्ट में भी मामला ले जाया गया है। एमआईसी सदस्य मनोज वर्मा, स्थानीय पार्षद मुरली शर्मा, इस अभियान का लगातार विरोध कर रहे डा. अजीत आनंद डेग्वेकर, राजेंद्र तंबोली व अन्य उपस्थित थे।


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