रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता पक्ष के ही विधायक अपने मंत्रियों से गंभीर मुद्दों पर बहस करते दिख रहे हैं। 9वें दिन भी...
रायपुर
। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता पक्ष के ही विधायक अपने
मंत्रियों से गंभीर मुद्दों पर बहस करते दिख रहे हैं। 9वें दिन भी विधायक
अजय चंद्राकर की मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से बहस हुई। CGMSC (छत्तीसगढ़
मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन) मंत्री ने भी कह दिया कि गड़बड़ी का पता चलते
ही EOW को जांच के लिए दिया है, अब मंत्री अफसर को सूली पर तो नहीं टांग
सकता न। करीब 10 मिनट तक दोनों के बीच बहस होती रही। अजय चंद्राकर ने जिस
मेडिकल सप्लाई का मुद्दा उठाया था, इसमें 380 करोड़ की गड़बड़ी पाई गई है।
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग में बजट नहीं होने के बाद भी कई गुना
बढ़े दामों में मेडिकल मशीनें खरीदी गईं। अजय चंद्राकर ने मेडिकल सप्लाई को
लेकर पूछा कि अफसर पर कार्रवाई क्या की गई। दूसरा बड़ा मुद्दा प्रधानमंत्री
आवास से जुड़ा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार की ओर से
मिले जवाब से साफ है कि कांग्रेस सरकार के समय आवास बने, मगर सत्ता पक्ष
इसे नकार देता है। जवाब देते हुए जब पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस
को घेरा तो विपक्ष के विधायकों ने हंगामा कर दिया। मंत्री विजय शर्मा और
भूपेश बघेल तेज आवाज में एक दूसरे को जवाब देते दिखे। भूपेश बघेल ने पिछले
सालों के मिले आंकड़ों पर कहा कि कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री आवास बनाए।
सदन में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल पत्रों
को पटल पर रखेंगे। विधानसभा में कुल 56 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाए गए हैं,
जिन पर चर्चा होगी। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2025-26 की अनुदान मांगों पर
भी चर्चा होगी। मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि कांग्रेस के समय कोई काम न
होने की वजह से आवास पूरे नहीं हुए। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर दो
महत्वपूर्ण अशासकीय संकल्प प्रस्तुत करेंगे। पहला संकल्प मोटरसाइकिल चालकों
के लिए हेलमेट और कार चालकों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य करने से जुड़ा है।
दूसरा संकल्प प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष नीति बनाने को
लेकर पेश किया जाएगा।
380 करोड़ की गड़बड़ी पर बहस
अजय
चंद्राकर ने विधानसभा में सवाल किया कि मोक्षित एजेंसी की ओर से सप्लाई में
गड़बड़ी पर, विभाग में पैसा न होने पर भी किस अफसर ने खरीदी की ?
स्वास्थ्य
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल- इन्हीं सब गड़बड़ियों के चलते इतिहास में
सबसे बड़ी कार्रवाई की, सप्लाई करने वाला जेल में है, हमने 15 अधिकारियों के
खिलाफ NOC दिया है। EOW की इससे बड़ी कार्रवाई क्या हो सकती है।
अजय
चंद्राकर- अरे भाषण मत दीजिए प्रश्न का उत्तर दीजिए, मैंने पूछा है आपसे कि
जो पैसा नहीं होने के बाद भी खरीदी की गई तो ऐसा करना नियम में है क्या,
नहीं है तो कौन अधिकारी है जिसने ऐसा किया। उसके खिलाफ अपने क्या कार्रवाई
की, 25 लोगों को जेल में डाला है। इससे मतलब नहीं है। मेरा प्रश्न
स्पेसिफिक है। उसमें उत्तर चाहिए।
मंत्री श्याम बिहारी- ये वृहद रैकेट के रूप में काम किया गया है। स्वास्थ्य विभाग में कुछ मात्रा में खरीदी करनी पड़ सकती है।
अजय चंद्राकर- कुछ मात्रा 385 करोड़ की नहीं हो सकती।
डॉ रमन सिंह ने अजय चंद्राकर से कहा कि आप धैर्य से बैठिए, जवाब सुनिए।
मंत्री
श्याम बिहारी- हमने जनवरी में ही जांच करवाई और जांच में धीरे-धीरे यह पता
चला की जांच करने वाले ही उसमें मिले हुए हैं तो हमने प्रदेश की सबसे बड़ी
जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर किया। अब मंत्री को अधिकार नहीं है कि
जांच करके अफसर को सूली पर लटका दे। ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। विभाग जांच
नहीं कर रहा है। इसलिए मैं समय सीमा नहीं बता पाऊंगा।
आवास के मुद्दे पर विजय शर्मा और भूपेश बघेल आमने-सामने
प्रधानमंत्री
ग्रामीण आवास को लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार ने कहा कि 18 लाख आवास
बने, पिछली सरकार ने कोई निर्माण नहीं किया। आपके ही दिए उत्तर सारे आंकड़े
कह रहे हैं कि पिछली सरकार में भी काम हुआ।
भूपेश बघेल- अभी आपका 23
लाख 26 हजार आवास का लक्ष्य है। कहा गया है कि स्वीकृत आवास 18 लाख और
निर्मित आवास 11 लाख हैं। ये बता दिजिए कि 11 लाख निर्मित हो गए।
विजय
शर्मा- जब नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार बनी, 32 लाख 50 हजार
प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए। छत्तीसगढ़ को 6 लाख आवास दिए गए, विष्णु
देव की सरकार में गरीबों को आवास मिला है।
भूपेश बघेल- आप उत्तर नहीं दे रहे हैं, प्रवचन कर रहे हैं।
विजय शर्मा- उत्तर, उत्तर के हिसाब से होगा आपके हिसाब से नहीं होगा।
इसके
बाद विधायकों ने आवास के मुद्दे पर हंगामा कर दिया। सदन में काफी देर तक
शोर होता रहा। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने प्रश्नकाल समाप्ति
की घोषणा कर दी।
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